निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था।
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक यह कहना चाह रहा है कि प्रकृति हमारी गलतियों को बहुत हद तक बर्दाश्त करती रही है परन्तु उसका भी अपना नियम होता है। मनुष्य प्रकृति के हर नियम को दरकिनार करके अपनी मनमानी करता रहा है लेकिन जब मनुष्य वो हदें पार कर जाते हैं तो फिर प्रकृति अपना गुस्सा दिखाती है। यह हमें प्राकृतिक विपदाओं और उनसे आई तबाही के रूप में दिखता है। इसका एक नमूना कुछ वर्षों पहले मुंबई में दिखाई दिया। जब मनुष्य ने समुद्र के किनारे पर बस्तियों का निर्माण कर डाला तो समुद्र ने भी कुपित होकर अपना गुस्सा बड़े भयानक रूप से निकाला। उसने तीन जहाजों को उठाकर यहाँ वहाँ पटक दिया। एक वर्ली के समुद्र किनारे, दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने और तीसरा गेट-वे-ऑफ इंडिया पर गिरा । जहाजों में सवार लोग बुरी जरह घायल हो गए।